उत्तराखंड में बिजली आपूर्ति सम्बंधित समस्याओं से जल्दी ही मिलेगी राहत
यूपीसीएल पूरे उत्तराखंड में मार्च 2025 तक करेगा कैपेसिटर बैंक्स की स्थापना
सुजाता वालिया, रुड़की
देहरादून। उत्तराखण्ड की विषम भौगोलिक संरचना तथा मौसम की विपरीत परिस्थितियों में विद्युत आपूर्ति सम्बंधित समस्याओं से निजात पाने के लिए यूपीसीएल द्वारा कैपेसिटर बैंक की स्थापना की जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ऊर्जा विभाग को दिए निर्देशों के बाद, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) एक्शन में आया है। उत्तराखंड में कई स्थानों पर खराब पावर फैक्टर और मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में लम्बे स्पानों के चलते अक्सर कम वोल्टेज की समस्या बनी रहती है। इससे विद्युत आपूर्ति की स्थिति खराब होने की आशंका हमेशा ही बनी रहती है। इस स्थिति को देखते हुए यूपीसीएल 61, 33/11 केवी0 उपसंस्थानों के कुल 101 परिवर्तकों के लिये कैपेसिटर बैंक की स्थापना करने जा रहा है।
यूपीसीएल का मार्च 2025 तक का लक्ष्य
कारपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल यादव ने मीडिया को बताया कि विद्युत प्रणाली नेटवर्क में कैपेसिटर बैंक की स्थापना एक गेम चेंजर परियोजना साबित होगी। यूपीसीएल ने पूरे उत्तराखंड में कैपेसिटर बैंक की स्थापना का कार्य मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। योजना के सफल क्रियान्वयन से उपभोक्ताओं को मिलने वाली बिजली की गुणवत्ता में और सुधार आएगा। साथ ही वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार से राज्य में सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं की दक्षता भी बढ़ेगी।
कैपेसिटर बैंक के फायदे
उत्तराखंड में कैपेसिटर बैंक स्थापित होने से विद्युत उपभोक्ताओं को लो-वोल्टेज की समस्या से राहत मिलेगी, पावर फैक्टर (पीएफ़ ) में सुधार होगा, तकनीकी हानियों को कम करने में मदद मिलेगी, वितरण प्रणाली अधिक सुदृढ़ होगी तथा बिजली कटौती कम होगी, लाइनों में फॉल्ट की समस्या का समाधान होगा तथा ट्रांसफार्मरों का दबाव कम किया जा सकेगा।