व्यक्तिगत और शैक्षिक पृष्ठभूमि
देहरादून। दीपम सेठ का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ। उन्होंने सीनियर सेकेंडरी की शिक्षा शेरवुड कॉलेज, नैनीताल से प्राप्त की। इसके पश्चात उन्होंने बिट्स पिलानी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की।
पुलिस महानिदेशक, द्वारा 1995 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में प्रवेश किया। उनके अध्ययन के प्रति समर्पण ने उन्हें 1997 में ओस्मानिया विश्वविद्यालय से पुलिस प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री और 2022 में आईआईटी रुड़की से पीएचडी प्राप्त करने की प्रेरणा दी। उनकी पीएचडी थीसिस का विषय था। “इम्पैक्ट ऑफ़ स्ट्रेटेजीक प्लानिंग एंड कम्युनिकेशन ऑन टीम इफेक्टिवनेस – अ स्टडी ऑफ़ पुलिसिंग ऑफ़ मेगा इवेंट्स
कैरियर में प्रमुख नियुक्तियां
पुलिस महानिदेशक, महोदय ने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर उत्कृष्टता के साथ कार्य किया है। इनमें शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक, टिहरी गढ़वाल और ज्योतिबा फुले नगर।
सेनानायक, पीएसी: 41वीं वाहिनी पीएसी, मेरठ।
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, कोसोवो: जहां उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्य किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नैनीताल।
पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) गढ़वाल परिक्षेत्र, क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर, पीएसी, प्रशिक्षण।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी): लॉ एंड ऑर्डर, स्पेशल टास्क फोर्स, पुलिस मुख्यालय, पी एंड एम
आईटीबीपी में आईजी, नार्थ वेस्ट फ्रंटियर , लद्दाख, आईजी (पर्सनल, एस्टेब्लिशमेंट एंड विजिलेंस), आईटीबीपी न्यू दिल्ली
अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) एसएसबी (एसएसबी)
*प्रमुख उपलब्धियां और सम्मान*
पुलिस महानिदेशक, को उनके कार्यकाल के दौरान कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मानों से नवाजा गया है, जिनमें शामिल हैं।
1996 में श्री भूबननंदा मिश्रा मेमोरियल ट्रॉफी (एसवीपीएनए) और इसप्रिट डी कोर्प मैडल
2004 में कोसोवो में सेवा के लिए संयुक्त राष्ट्र पदक।
2011 में सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक और 2021 में विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक।
आईटीबीपी में नियुक्ति के दौरान डीजी इंसिग्नया एंड कमेंडेशन रोल: 2020 और 2021 में सिल्वर और गोल्ड से सम्मान।
2021 लद्दाख में सेवा के दौरान हाई एलटिटूड मैडल, पुलिस स्पेशल ड्यूटी मैडल और ऑपरेशन स्नो लियोपर्ड हेतु यूनियन होम मिनिस्टर स्पेशल ऑपरेशन्स मैडल
पुलिस महानिदेशक, ने उत्तराखंड पुलिस की भविष्य की चुनौतियों को लेकर अपनी प्राथमिकताएं बतायी।
कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना और अपराधों पर नियंत्रण।
मादक पदार्थों की तस्करी पर सख्त कार्यवाही।
साइबर सुरक्षा को मजबूत करना।
आपदा प्रबंधन के लिए तैयारियों को उन्नत करना।
पुलिसिंग को पारदर्शी और जनहितैषी बनाना।
यातायात प्रबंधन और सड़क दुर्घटनाओं के रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही।
महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष पहल करना।