पीडितों को झांसे में लेने हेतु मैट्रीमोनियल साईट sangam.com का करता था प्रयोग
पीडितों से फर्जी मैट्रीमोनियल साईट sangam.com पर दोस्ती करके व्हाटसप मैसेजिंग / कॉलिंग के माध्यम से क्रिप्टो करेन्सी में इन्वेस्ट करने की दी जाती थी जानकारी
इन्वेस्ट किये जाने पर पीडितो का भरोसा जीतने के लिये साईबर अपराधियों द्वारा कुछ धनराशि पीडितों को की जाती थी स्थानान्तरित
बेनोकॉइन नामक फर्जी एपलीकेशन का साईबर धोखाधडी हेतु किया जाता था प्रयोग
पीडितों को उनके द्वारा की गयी निवेश की गयी धनराशि को फर्जी एप पर मुनाफे के साथ दर्शायी जाती थी
देहरादून। पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड, दीपम सेठ के दिशा निर्देशन में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जनपद नैनीताल निवासी पीड़ित द्वारा दर्ज कराया जिसमें शिकायतकर्ता के द्वारा स्वयं का मैट्रीमोनियल साईट संगम डॉट कॉम पर एकाउण्ट होने की बात कही गयी तथा उक्त साईट पर एक अन्जान युवती आरोशी रॉय का मैसेज प्राप्त होने की बात कही गयी, जिसके बाद व्हाटसप पर मैसेज / कालिंग के द्वारा कुछ समय तक बातचीत होना बताया, उक्त युवती द्वारा स्वयं का कम्बोडिया में कपडों का व्यापार होने की बात बतायी गयी तथा पीडित से कुछ दिन बात होने के उपरान्त बेनोकॉइन ट्रेडिंग एपलीकेशन के बारे में जानकारी दी गयी जिसके माध्यम से ऑनलाईन क्रिप्टो करेन्सी में निवेश किये जाने की बात कही गयी । जिसके बाद शिकायतकर्ता को व्हाटसप के माध्यम से क्रिप्टो करेन्सी में निवेश करने हेतु उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 62.50 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ीपूर्वक जमा करायी गयी ।
प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, अंकुश मिश्रा मिश्रा एवं विवेचना अरूण कुमार, साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, कुमाऊँ परिक्षेत्र, रूद्रपुर के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचाकर कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से संगम डॉट कॉम मैट्रीमोनियल साईट पर दोस्ती करने के उपरान्त व्हाटसप पर मैसेज / कालिंग के माध्यम से बेनोकॉइन एप पर ऑनलाईन क्रिप्टो ट्रेडिंग में निवेश कर अधिक लाभ कमाये जाने के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में धनराशि स्थानान्तरित करवायी गयी।
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया गया। पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर अभियोग में प्रकाश में आये अभियुक्त वेलमुरुगन पुत्र कुप्पूसेमी निवासी 358 जय नगर, 5वीं स्ट्रीट, रक्कियापालयम, पीरिवू, नल्लुर, डिस्ट्रिक्ट तिरुपपुर, तमिलनाडु 641606 को चिन्हित करते हुये अभियुक्त की तलाश करते हुए तमिलनाडू पुलिस की मदद से कोयंबटूर तमिलनाडू से लाकर न्यायालय में पेश कर अभियुक्त वेलमुरुगन पुत्र कुप्पूसेमी निवासी उपरोक्त को न्यायिक हिरासत में उप-जिला कारागार हल्द्वानी जनपद नैनीताल भेजा गया।
अभियुक्त द्वारा मैट्रीमोनियल साईट संगम डॉट कॉम पर महिलाओं के नाम की फेक आईडी बनाकर पीडितों को रिक्वेस्ट भेजी जाती थी, तथा स्वयं का कपडों का बिजनेस कम्बोडिया में होना बताया जाता था, कुछ समय तक मैट्रीमोनियल साईट्स पर ही चैटिंग किये जाने के उपरान्त अभियुक्त द्वारा अपना व्हाटसप नम्बर पीडितों के साथ शेयर किया जाता था । जिसके बाद व्हाटसप पर मैसेज / कॉलिंग के माध्यम से ही पीडितों को फर्जी बेनोकॉइन एप के माध्यम से क्रिप्टो करेन्सी में निवेश कर अत्यधिक लाभ प्राप्त किये जाने की बात कही जाती थी, तथा क्रिप्टो करेन्सी में निवेश किये जाने हेतु व्हाटसप के माध्यम से ही अलग-अलग बैंकों के खाते प्रदान किया जाते थे, जिसमें पीडितों द्वारा लालच में आकर भारी भरकम धनराशि निवेश कर दी जाती थी। प्रारम्भ में निवेश की गयी धनराशि में से कुछ धनराशि लाभांश बताकर वापस पीडितों के खातों में स्थानान्तरित भी की जाती थी, ताकि पीडितों का साईबर अपराधियों पर भरोसा बरकरार रहे । निवेश की गयी धनराशि को फर्जी बेनोकॉइन एप के डैशबोर्ड पर लाभ सहित दर्शाया जाता था जिससे पीडितों को लाभ होने का भरोसा हो जाता था। जिस कारण अधिक लाभ कमाने के चक्कर में पीडितों द्वारा भारी-भरकम राशि निवेश कर दी जाती थी, अभियुक्त द्वारा निवेश की गयी धनराशि को तत्काल ही अन्य खातों में स्थानान्तरण कर दिया जाता था।
प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्त ने साईबर अपराध हेतु जिस बैंक खातों का प्रयोग किया गया है उसमें मात्र 01 माह में ही लगभग 4.35 करोड रूपये का लेन-देन होना प्रकाश में आया है, तथा अभियुक्त के विरूद्ध तमिलनाडू में ही साईबर अपराध के अभियोग पंजीकृत होने प्रकाश में आये हैं।
*पुलिस टीम*
निरीक्षक अरूण कुमार
अ0उ0नि0 सत्येन्द्र गंगोला
हे0कानि0 सुरेन्द्र सामन्त
कानि0 रवि बोरा
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड, नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे यूट्यूब लाइक सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें, किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें, अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें। ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें ।तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।