October 21, 2025

 

 

 

मातृ शक्ति का समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान है: कर्मेन्द्र सिंह

महिलाओं को अपने बारे में सोचना चाहिए क्योंकि महिलाएँ परिवार की धुरी है, उसके ऊपर ही पूरा परिवार निर्भर रहता है: आकांक्षा कोंडे

हरिद्वार। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व सन्ध्या पर विकास भवन सभागार में ’’अभी आसमां और भी है’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह तथा मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने दीप जलाकर किया।

इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी मातृ शक्ति को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि मातृ शक्ति परिवार की आधार शिला होने के साथ-साथ शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योगदान देने की दिशा में निरन्तर प्रगति कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति का समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के समग्र विकास हेतु देश की आधी आबादी अर्थात महिलाओं को नकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि महिलाएँ देश की आधी आबादी है, जिनका सशक्त होना बहुत आवश्यक हैं, महिलाएँ सशक्त होंगी तो देश सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति आज देश के विकास हेतु प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़कर उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं तथा कन्धे से कन्धा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं।

विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने अपने अनुभव साझा करते हुए अपने जीवन संघर्ष, कठिन परिश्रम, पूरी निष्ठा व ईमानदारी, तन्मयता व समयबद्धता से मुकाम हासिल करने बारे में जानकारी देते हुए सभी को प्रोत्साहित किया। उन्होंने सभी महिलाओं से कहा कि सभी अपना ध्यान रखें, स्वस्थ रहे एवं अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखेंगे, स्वस्थ रहेंगे तभी परिवार की देखभाल अच्छे से कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने बारे में सोचना चाहिए क्योंकि महिलाएँ परिवार की धुरी है, उसके ऊपर ही पूरा परिवार निर्भर रहता है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास सुलेखा सहगल ने महिलाओं से आव्हान किया कि सभी अपने आस पास की महिलाओं को सशक्त बनाने में सहयोग करें एक दूसरे की मदद कर सब को आगे बढ़ाने में योगदान दें। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सरिता पवार ने महिलाओं को हिम्मत से डटकर परिस्थितियों का सामना करने के लिए अपना जीवन का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

एवरेस्ट फ़तह करने वाली सुमन कुटियाल, बीडीओ, रुड़की ने अपने रोमांच की कहानी सबके साथ साझा की। इसी क्रम में अन्य उपस्थित महिलाओं के द्वारा भी अपने जीवन के संघर्ष के बारे में बताया गया है।

ज़िलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिला अधिकारियों, कर्मचारियों, खिलाड़ियों व समूह की महिलाओं को शॉल, प्रशस्ति पत्र व प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन संतोष नेगी के द्वारा किया गया।

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